विरूपाक्ष महादेव मन्दिर बिलपांक की दैव प्रतिमाओं का कलात्मक सौन्दर्य
Main Author: | राजेंद्र कुमार डोडिया |
---|---|
Format: | Article eJournal |
Terbitan: |
, 2019
|
Subjects: | |
Online Access: |
https://zenodo.org/record/3592636 |
Daftar Isi:
- विरूपाक्ष महादेव मन्दिर मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के ग्राम बिलपांक में स्थित हैं, जो कि रतलाम के दक्षिण में 16 किलोमीटर दूर व रतलाम इन्दौर मुखय मार्ग से 02 किलोमीटर दूर व पूर्व की ओर बसा है। यह लिंग अभी भग्नावस्था में है, गर्भगृह के अन्दर चार अलंकृत खम्बों से युक्त मण्डप है, इन स्तम्भों पर वितान अवस्थित है। वितान के निचले भाग में आठ टोढ़े हैं, जिनके ऊपर सुर-सुन्दरियों की मूर्तियाँ रही होंगी। वर्तमान में इन टोढ़ों पर कोई भी प्रतिभा स्थित नहीं है किन्तु गर्भगृह के उतरी टोढ़े के ऊपर दो ब्रेकेट हैं जिनमें से प्रत्येक पर सुर-सुन्दरियों की प्रतिमायें अवस्थित है जो कि भग्नावस्था में है। गर्भगृह द्वार सप्तद्गााखाओं से सुसज्जित हैं। सभी शाखाओं के निचले भाग में शिखर मण्डित परिकर्मों के अन्दर देवों तथा परिचारकों की प्रतिमायें उत्कीर्ण है, अन्तराल की दक्षिणी भिति में चालुक्य राजा सिद्धराज जयसिंह का शिलालेख जड़ित है। सभामण्डप अत्यन्त भव्य है जिसमें की 110 मीटर ऊँचे विशाल स्तम्भ है। इनमें से प्रत्येक का अष्ट भुजाकार आधार है। सभा मण्डप के वितान का निचला भाग अष्ट भुजाकार है, इस वितान के 16 ब्रेकेट है जिसके ऊपर विविध मुद्राओं में सुर सुन्दरियाँ प्रदर्शित है। सभा मण्डप के सामने अर्ध मण्डप हैं, जिसका वितान छह वामन स्तम्भों पर अवस्थित है। यह वामन स्तम्भ रूपरेखा तथा सज्जा में सभा मण्डप के पार्शव कक्षों के वामन स्तम्भों के समान हैं।