भा ेजन क े प्राकृतिक रंगा े का मानव जीवन में महत्व
Main Author: | डा ॅ. अनीता भाना |
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Format: | Article Journal |
Terbitan: |
, 2017
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Subjects: | |
Online Access: |
https://zenodo.org/record/890603 |
Daftar Isi:
- रंगा े क े बिना जीवन की कल्पना असंभव ह ै। जीवन को जीवन्त बनाने में रंगा े का अपना योगदान ह ै । नीला आसमान, धूसर धरती, रंग बिरंगे फल-फ ूल, पशु पक्षिया ें व हरे भरे पेडा ें द्वार्रा इ श्वर ने प्रकृति मे जा े रंग संया ेजन किया ह ै इसकी सुंदरता के आगे विज्ञान की प ्रगति व तकनीक की चकाचा ैंध फीकी ही ह ै। भा ेजन हर प्राणी की प्राथमिक आवश्यकता ह ै इसे भी प्रकृति नें लाल पीले नारंगी, नीले जामुनी हरे, काले जैसे विविध रंगा े से नवाजा ह ै आ ैर उसे अधिक सुंदर, ग्राहय तथा मनमोहक बनाया ह ै। पपीते व आम का पीला रंग,तरब ूज, चेरी का लाल रंग, पालक गिलकी का हरा रंग हा े या जामुन का जामुनी रंग ये न क ेवल भोजन को आकर्ष क बल्कि मनुष्य क े तनाव, अवसाद व पीड़ा का े भी शांत कर उसे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाते ह ै। भोज्य पदार्थो का रंग उसकी गुणवत्ता तथा विकास की अवस्था का भी परिचायक होता ह ै। गेह ूं का चमकदार गेहूँआ रंग यदि भूरे या स्लेटी म े बदला ह ै तो जरूर उस पर मौसम का कुप्रभाव पडा है। हरा आम कच्चा ह ै पीला आम पका ह ुआ है व भ ूरा रंग उसक े अधिक पके या सड े होने का संक ेत देते ह ै। प्रकृति ने जा े रंग विविध भोज्य पदार्थों का े दिये ह ै उनका पा ैष्टिक व चिकित्सकीय महत्व भी ह ै।