विकलांग चित्रकारा ें के चित्रा े ं म ें र ंगा ें की भ ूमिका
Main Author: | श्रीमती प ूनम शर्मा |
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Format: | Article Journal |
Terbitan: |
, 2017
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Subjects: | |
Online Access: |
https://zenodo.org/record/890535 |
Daftar Isi:
- रंगा ें के बिना जीवन अपूर्ण ह ै। विकलांग चित्रकारों के चित्रों में रंगा ें का विश ेष महत्व ह ै नीरस जीवन जीने को मजबूर ये कलाकार शारीरिक अक्षमताओं के उपरांत भी अपनें चित्रा े ं में रंगा ें के विशिष्ट संया ेजन कर, उन्ह ें जीवित रुप प ्रदान कर , प ्राण डाल देते ह ै ं ,चित्रा े ं द्वारा मूक अभिव्यक्ति इतनी सशक्त होती ह ै कि देखने वाला स्वप्न में भी यह नहीं सा ेच पाता कि इस चित्र का े बनाने वाला विकला ंग ह ै। ए ेसे विशेष कलाकारों के रंगा ें का चयन अति विलक्षण होता है। वर्णों की विभिन्न रंगता ें के कारण ही हम वर्ण विशेष का नाम ज्ञात कर पाते ह ै ं। इन कलाकारा ें के चित्रा ें में रंगा ें के मान का विशेष घ्यान रखा गया ह ै, प ्रकाश व अंधकार के माघ्यम से आभा एवं छाया का प ्रयोग दर्श नीय है चित्रों में सधनता युति-द्युति का अनुपम प्रयोग किया गया ह ै। प ्राथमिक एव ं द्वितीयक तथा समीपवर्ती रंग जैसे लाल, पीला, नीला, नारंगी, हरा, ब ैंगनी, गुलाबी, आदि रंगा ें का प ्रयोग किया गया ह ै। रंगा ें का हमारी भावनाओं व मनःस्थितियों से सीधा सम्बन्ध हा ेता ह ै, चित्रकारा ें को रंगा ें के मनोवैज्ञानिक व लाक्षणिक प ्रभावों का ज्ञान है, जैसे व्यक्ति प ्रसन्न हो ता े उसे श्रा ंगारिक भाव लिए ह ुए रंग जैसे लाल, गुलाबी पसंद आएंगे। यदि उदास ह ै तो उदासीनता रंगत वाले रंग किए जाएंगे इनके चित्रा ें में रंगा ें का विश ेष घ्यान रखा गया ह ै एक चित्र में वनराज का चित्रण पीले रंग के विभिन्न रुपा ें से किया ह ै। छाया प्रकाश दिखाकर गर्व से ब ैठे वनराज के चित्र में पीले रंग के कारण विशिष्ट आ ेज का प्रभाव है। नारंगी तथा गहरे भूरे रंग से चित्र म ें छाया प्रकाश का प ्रभाव श्र ेष्ठ ह ै। दूसरे चित्र में नारंगी व सफेद के मिश्रण से सुनहरी मछलीयां बर्नाइ र्गइ ह ैं। समुद्री पा ैधों की रचना गहरे हरे व पीले रंग से की र्गइ ह ै। एक अन्य चित्र में गुलाबी पेड़ एव ं सफेद भवन का निर्मा ण किया गया ह ै जो कि मन में शा ंति का भाव उत्पन्न करता ह ै।