बरली ग्रामीण महिला विकास संस्थान का पर्या वरण संरक्षण म ें योगदान का अध्ययन
Main Author: | सरिता बोबड ़े |
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Format: | Article Journal |
Terbitan: |
, 2017
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Subjects: | |
Online Access: |
https://zenodo.org/record/883022 |
Daftar Isi:
- मन ुष्य का जीवन पर्यावरण से प्रभावित होता ह ै। स्वस्थ एव ं स्वच्छ पर्यावरण मानव जीवन का आधार हैं । इसीलिए पर्यावरण का संरक्षण प ्रत्येक नागरिक का कत्र्त व्य ह ै। प्रस्त ुत एकल अध्ययन म ें एक समाजसेवी स ंस्था द्वारा अपन े महिला प्रषिक्षणार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कर समाज में कार्य करन े के लिए प्रेरित किया जाता हैं। सौर ऊर्जा उपकरणों का निर्मा ण कर उनका घर ेलू एव ं व्यावसायिक उपयोग करना , जैविक खेती करना, एव ं पर्या वरण प ्रद ूषण का स्वाथ्य पर पडन े वाले प्रभावों से परिचित करवाकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति संरक्षणात्मक प ्रवृति का विकास कराया जाता हैं। इस अध्ययन में उपकरण के रूप में बाह्य निरिक्षण, साक्षात्कार अन ुसूची, अवलोकन अन ुसूची का प्रयोग किया गया। प्रदत्तो ं का संकलन विषयवस्त ु विश्लेषण विधि द्वारा किया गया एव ं बाह्य निरिक्षण द्वारा प ्राप्त प्रदत्तों को व्यवस्थित कर गुणात्मक रूप स े व्याख्या की गयी, साक्षात्कार की विव ेचना की गयी। परिणामों से ज्ञात ह ुआ कि बरली संस्थान षांत, स्वच्छ, प्रद ूषण रहित भा ैगोलिक एव ं पर्यावरणीय, स्थिति है ,हरियाली एव ं खुला स्वच्छ पर्या वरणीय वातावरण महिला प्रषिक्षणार्थीयों में पर्या वरण स ंरक्षण के प ्रति संरक्षणात्मक प्रवृत्ति का विकास कर प्रषिक्षणाथियों में पर्या वरण संरक्षण का प ्रायोगिक अन ुभव प ्रदान करती हंै।