कठोतिया के शैलतित्ोों की तिषय िस्तु का कलात्मक तििेिन
Main Authors: | डॉ0 (श्रीमिी) अोंजतल पाण्डेय्, श्रीमिी अोंजली तमश्रा |
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Format: | Article Journal |
Terbitan: |
, 2017
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Online Access: |
https://zenodo.org/record/439643 |
Daftar Isi:
- आदि मानव ने अपने विचारों एवं अनुभूतियों को सर्वप्रथम कला के द्वारा मूर्त रूप प्रदान किया। अंतस् के भावों एवं कल्पनाओं की चित्रों के माध्यम से व्यंजना कर उसने संभवतः चिर्काल तक अक्षुण्ण रहने वाली अभिनव परम्परा का सूत्रपात किया। पुरा मानव द्वारा आरेखित शैलचित्रों द्वारा तद्युगीन संस्कृति के यथार्थ स्वरूप का ज्ञान तो होता ही है, इसके साथ ही इनसे आदि मानव की सृजनात्मकता, रचनाशीलता व कलात्मक अभिवृत्ति का भी द्योतन होता है।