काँच पर चित्रकला की विविध तकनीक
Main Authors: | डॉ. कुमकुम भारद्वाज, प्रवीण कुमार माठे |
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Format: | Article Journal |
Terbitan: |
, 2019
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Subjects: | |
Online Access: |
https://zenodo.org/record/3585015 |
Daftar Isi:
- प्राचीन भारत में महाभारत, रामायण, यजुर्वेद संहिता एवं योग-वशिष्ठ में भी काँच का उल्लेख मिलता है। भारतीय काँच का विवरण 16 वीं शताब्दी से आरंभ होता है। मुगलकाल में काँच पर कला ने नये आयाम स्थापित किये। यह इसका स्वर्णीम काल माना जाता है। भारत में 19 वीं शताब्दी में काँच की चूड़िया, शीशियाँ तथा खिलौनों का निर्माण होने लगा था। वर्ष 1870 से 1915 तक कई काँच उद्योग खुले लेकिन वह असफल रहे। चैन्न्ई से 300 कि.मी. दूर तंजावुर से आरंभ हुई तंजौर कला चोल साम्राज्य के समय विकसित हुई, जिसने आज भारतीय तंजौर चित्रकला को विश्व पटल पर पहचान दिलाई।