संगीत षिक्षण एवं प्रदर्षन में इलेक्ट्रानिक वाद्यों की भूमिका
Main Author: | प्रवीण कुमार |
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Format: | Article Journal |
Terbitan: |
, 2019
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Subjects: | |
Online Access: |
https://zenodo.org/record/3362740 |
Daftar Isi:
- इलेक्ट्रानिक संगीत उपकरणों से संगीत को प्रयोग और षिक्षण दोनों के लिये ही एक बहुत बड़ा सहारा मिल गया है। एक ओर जहां कलाकार को स्थिर सुर और ताल में त्रुटिहीन प्रस्तुति की ओर प्रेरित करते है। वहीं कठिन आरम्भिक वर्षों में संगीत के विद्यार्थी को सुर लय आदि की सटीक समझ पैदा करने में मदद करते हैं। किसी भी प्राकृतिक परिवर्तन से अप्रभावित इलेक्ट्रानिक वाद्य सदैव सुरीले रहते हैं। सिर्फ बटन दबाते ही स्वतः चलने वाले ये वाद्य विद्यार्थी और कलाकार को किसी भी स्थान पर, किसी भी समय, मनचाही अवधि तक निरन्तर एक सी संगति के साथ रियाज करने का मौका देते हैं। ग्रामोफोन के आविष्कार ने संगीत सीखना सभी के लिए सुलभ कर दिया। पुराने घरानेदार नामचीन गायकों की गायकी और बन्दिषों आदि को संगीत विद्यार्थियों के लिए इन उपकरणों ने आसान की है। आज विद्यार्थी रिकार्ड प्लेयर, टेप, कम्प्यूटर, स्टीरियो और म्यूजिक सिस्टम की मदद से कमियों को निकाल सकता है।