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  • शिक्षा मानव जीवन का श्रं ृगार है । शिक्षा के माध्यम से ही व्यक्ति एक विशिष्ट व्यक्तित्व को प्राप्त करन े में सक्षम हो सकता है । अन ेक बार अशिक्षित व्यक्ति भी प्रभावशील होता है; परन्त ु, शिक्षा क े अभाव म ें वह मुख्य रूप से अपन े परिवेश से ही अधिकतम ज ुड़ा हुआ रहता है जिस क े कारण वह अपनी उन विशिष्टताओं का े व्यापक रूप प्रदान करन े में प्रायः अक्षम रहता है जिन से कि वह सम्पूर्ण भारतीय और विदेशी नागरिकों को लाभ पहुँचा सक े । वर्तमान वैश्विक परिदृश्य यह संकेत करता है कि वह देश वैश्विक धरातल पर टिका नहीं रह सकता जिस के नागरिक शिक्षा से वंचित हैं । भारतीय परिप्रेक्ष्य में बच्चों की शिक्षा से सम्बन्धित अन ेक समस्याएँ दृष्टिगोचर हो रही हैं, जिस के कारण भारतीय समाज का प्रत्येक वर्ग समान रूप से विकसित नहीं हो रहा है । अन ेक शासकीय योजनाओं क े पश्चात भी बच्चों की शिक्षा से सम्बन्धित समस्याएँ पूर्ववत ही हैं और भारतीय बौद्धिक सम्पदा में कमी हो रही है ।