भानपुरा क्षेत्र के प्रमुख शैलचित्र स्थल तथा यहाँ की कलात्मक धरोहर

Main Author: Divya Singh
Format: Article Journal
Terbitan: , 2017
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Online Access: https://zenodo.org/record/1098393
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  • सारांश:- शैलचित्रों से तात्पर्य है शैलाश्रयों, गुफाओं, नदी नालों की दीवारों, छतों तथा खुली चट्टानों परपुरा मानव द्वारा किये गये चित्रण को शैल चित्र कहते हैं। शैलचित्र वह कला है जिसमें मानव के अभ्युदय होने के प्रमाण मिलते है जो उस समय के मानव के कलात्मक विकास और तीव्र इच्द्दा शक्ति की सोच को दर्शाता है। शैलचित्रों के अतिरिक्त मानव इतिहास के विभिन्न कालखण्डों में गीत, संगीत, नृत्य व अन्य विधाओं को भी मानव ने अपनी कलात्मक अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया होगा, परन्तु शैलचित्रों के अतिरिक्त अन्य माध्यम में की गयी अभिव्यक्ति काल के थपेड़ों में सुरक्षित नहीं रह सकीं। अतः शैलचित्र मानव की सर्वाधिक प्राचीन उपलब्ध कलाकृतियाँ हैं।