भारत के मुलनिवासीयों की अपने पहचान के लिऐ माँग
Main Author: | Atram, Birshah |
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Format: | Article info application/pdf eJournal |
Bahasa: | eng |
Terbitan: |
Adivasi Gondwana Bhasha Prachar Bahuddeshiya Shiksan Sanstha
, 2021
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Subjects: | |
Online Access: |
https://agpegondwanajournal.co.in/index.php/agpe/article/view/64 https://agpegondwanajournal.co.in/index.php/agpe/article/view/64/54 |
Daftar Isi:
- आधुनिक युग की शुरुआत होते हुए स्वतंत्र भारत मे राजाओं की आशायें जगी की स्वतंत्रता के लिऐ लढने से बॅरीस्टर गाँधी हमे अपना राज्य वापस देंगे इसीलिऐ राजालोग अंग्रेजों के खिलाफ लढते रहे परंतू सब किये कराऐ पर बॅ.गाँधीने पानी फेर दिया। स्वतंत्रता के बाद रियासतों के राज्य छीनने की होड़ सी लग गई | मुस्लिम बहुल प्रांत अलग देश की मांग करने लगा| सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बाकी राजाओके राज्य को साम- दाम- दंड- भेद से एक कर नए भारत का निर्माण किया| मगर यह भुला दिया गया कि, यह भूमि या राज्य वहां की जनता ने अपने राजाओं को दी थी| जो अंग्रेजों से उन्हें वापस नहीं मिली| इस प्रकार बने नए भारत में विविध संस्कृतियों का नाश हुआ और विविधता नाम शेष ही रह गई| जैसी की चुनी हुई या उस समय की कांग्रेस सरकार ने 500-600 रियासतों को अभ्यास ना करते हुए जबरदस्ती से एक देश बनाया, जिससे नए भारत का विभाजन हुआ|