चाँदागढ का राज्य और उनके जमिनदार – सामाजिक स्थैतिक अध्ययन
Main Author: | Wankhede, Prashant |
---|---|
Format: | Article info application/pdf eJournal |
Bahasa: | eng |
Terbitan: |
Adivasi Gondwana Bhasha Prachar Bahuddeshiya Shiksan Sanstha
, 2022
|
Subjects: | |
Online Access: |
https://agpegondwanajournal.co.in/index.php/agpe/article/view/58 https://agpegondwanajournal.co.in/index.php/agpe/article/view/58/80 |
Daftar Isi:
- इ.स 870 में कागजनगर के सिरपुर से सरदार भिमबल्लाळ सिंह आत्राम ने गोंड राज्य की शुरुआत की। इ.स 870 में उन्होंने यादव वंश के राजा को हराकर गोंड राज्य की स्थापना की थी। उसके बाद गोंड राजा ने वर्धा नदी के तट पर अपनी सिरपुर की राजधानी स्थापित की। उसके उन्होने नई राजधानी बनाई उसे गोंड राजा बल्लाळशाह के नाम पर स्थापित किया गया। इ.स. 970 से 995 के अपने कार्यकाल में बल्लाळशाह राजधानी को उत्तर की ओर 15 कि.मी. पर ऊंचे पहाड़ी पर इस बल्लरशाह राजधानी को तीसरी जगह पर स्थानांतरीत किया गया। नया किला बनाकर उसे नई तीसरी राजधानी बनाई गई। यह तीसरी राजधानी खरगोश के माथे पर दिखाई दिये चाँद के नाम पर चांदागढ़ रखा गया।