स्त्रियों के सामाजिक परिवर्तन मे ज्योतिराव फुले का योगदान
Main Author: | Chaudhary, Nisha |
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Format: | Article info application/pdf eJournal |
Bahasa: | eng |
Terbitan: |
Adivasi Gondwana Bhasha Prachar Bahuddeshiya Shiksan Sanstha
, 2022
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Subjects: | |
Online Access: |
https://agpegondwanajournal.co.in/index.php/agpe/article/view/57 https://agpegondwanajournal.co.in/index.php/agpe/article/view/57/79 |
Daftar Isi:
- स्त्रियों के बारे में समाज परिवर्तक ज्योतिराव फुले के दिल में परीवर्तन की ज्योत जागृत हुई वह अपने मित्र के साथ मराठवाड़ा के अहमदनगर शहर पहुंचे। उनके मित्रों को सरकारी नौकरी नहीं मिली थी इसलिए दोनों संग वहीं पहुंचे। अहमदनगर में अमेरिकन क्रिश्चियन लड़कियों के स्कूलों को देखने गए जो मिशन द्वारा चलाई जा रही थी। ज्योतिराव फुले ने उस स्कूल की प्राचार्या से मुलाकात कि। उस क्रिश्चियन मिशनरी स्कूल की प्राचार्या का कार्य देखकर वे बहुत प्रभावित हुए और उनके जीवन में यह धारणा बन गई कि यदि स्त्रियों को, लड़कियों को शिक्षा दी जाए तो वह परिवार में पुरानी रूढी, परंपराओंसे और ब्राह्मणों के वेद, पुराण आदि भयंकर रीति-रिवाजों से परिवार में बदलाव कर अन्याय-अत्याचार, सती प्रथा और अपमान भरी जिंदगी से मुक्ति पा सकती है।